सवाई माधोपुर
परिचय– sawai madhopur district
➥ इसकी स्थापना जयपुर नरेश माधोसिंह प्रथम द्वारा की गई।
➥ यहां के रणथम्भौर के दुर्ग में स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर में श्रद्धालु अपने सभी मंगल कार्यो के आमन्त्रण पत्र सबसे पहले भेजते है। यह विशेष आस्था का केन्द्र बन चुका है।
sawai madhopur district collector –
➥ बांसटोरडा नामक स्थान संगमरमर की मुर्तियो के लिए जाना जाता है।
➥ रणथम्भौर के दुर्ग में 32 खम्भो की छतरी विशेष आकर्षण का केन्द्र है।
➥ रणथम्भौर में दो अलग अलग पर्वत श्रृंखलाए अरावली व विंध्यांचल मिलती है।
➥ मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित रामेश्वर घाट पर चम्बल, बनास व सीप नदी त्रिवेणी संगम बनाती है।
➥ सवाईमाधोपुर बाघो की गिरती संख्या के लिए भी चर्चित स्थल है।
sawai madhopur district population – 13.4 lakh
➥ यहां के चौथ का बरवाड़ा नामक स्थान पर चौथ माता का मंदिर स्थित है जंहा पर प्रतिवर्ष माघ कृष्ण तृतीया से अष्टमी तक मेला भरता है।
➥ यहाँ का मोरा सागर बांध पान की खेती के लिए प्रसिद्ध है।
➥ यही पर काला गौरा भैरव का नौ मंजिला मंदिर है।
➥ यह सर्वाधिक खस उत्पादक जिला है तथा अमरूद मण्डी के रूप में प्रसिद्ध है।
➥ यहां पर रायसीना क्षेत्र में चीनी मिट्टी पाई जाती है।
➥ इसरदा बांध बनास नदी पर बनाया गया है।
➥ यह जिला अमरूद के लिए प्रसिद्ध है।
➥ राज्य में सर्वाधिक बीहड़ भूमि का प्रसार इस जिले में है।
➥ राज्य के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री श्री टीकाराम पालीवाल भी इसी जिले से है।
➥ चौथ माता का आराध्य स्थल भी सवाईमाधोपुर है।
➥ 1301 में रणथम्भौर के दुर्ग मे साका हुआ था।
sawai madhopur tehsil – 8
स्थान विशेष
➤ रणथम्भौर बाघ परियोजना – वर्तमान मे इसका नाम राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान रख दिया गया है। करौली जिले का केवलादेवी अभ्यारण्य भी इसी की सीमा से लगा है। बाघ इस अभ्यारण्य के मुख्य आकर्षण है। विंध्याचंल व अरावली दो पर्वत श्रंखला यहां पर मिलती है।
sawai madhopur pin code- 322001
➤ रणथम्भौर दुर्ग – इस दुर्ग में हम्मीर महल, सदरूदीन की दरगाह, पुष्पक महल, हम्मीर कचहरी, पदम तालाब, 32 खम्भो की छतरी, जोगी महल, सुपारी महल, अधुरा स्वपन, नौलखा दरवाजा, अकबर की शाही टकसाल, गणेश मंदिर व 17वीं सदी में कछवाहा शासको द्वारा निर्मित बादल महल आदि अनेक दर्शनीय स्थान है।
sawai madhopur to ranthambore – 13.5km
sawai madhopur villages list – total village-147
➤ मैण छपाई – कपड़े पर छपाई की एक कला है जो बगरू व सांगानेर तक सवाईमाधोपुर से पहुंची व वंहा की छपाई के नाम से प्रसिद्ध हो गई
➤ ईसरदा बांध – इसे काकर डेम भी कहते है यह बांध टोंक व सवाईमाधोपुर की सीमा पर बना है।
➤ शिवाड़ – घुमेश्वर महादेव मंदिर जंहा शिव का 12वां व अंतिम ज्योर्तिलिंग है।
➤ चौथ का बरवाड़ा – यहां पर चौथ माता का प्रसिद्ध मंदिर है व यहां पर सीसा व जस्ता के भण्डार मिले है।
➤ गंगापुर- यहां धुंधलेश्वर महादेव शिवालय व कल्याण जी का मेला विशेष आकर्षण का केन्द्र है।
➤ खण्डार- यहां पर खण्डार का किला, ध्रुपद गायकी की खण्डारवाणी के प्रवर्तक व खण्डार के शासक सम्मोखन सिंह का निवास स्थान है।
➤ रामेश्वर घाट – यहां पर पीपलदा लिफट नहर है जो चम्बल नदी पर स्थित है। यहां त्रिवेणी संगम पर बना एक बांध है जो केवलादेव अभ्यारण्य को जलापूर्ति करता है।
sawai madhopur to jaipur – 176.km
जिले की प्रमुख बांध परियोजनाएं
➡पीपलदा सिंचाई परियोजना
➡इसरदा बांध परियोजना
➡मोरेल बांध
➡मोरासागर बांध
➡दन्दिरा लिफट सिंचाई परियोजना
➡सूरवाल बांध
👉आर. टी. डी. सी. होटल- कामधेनु, विनायक व झूमर बावड़ी
👉हैरिटेज होटल- सवाईमाधोपुर लॉज
👉आखेट निषिद्ध क्षेत्र- कंवालजी
👉विशेष सर्वाधिक क्षेत्रफल वाली फसले – मिर्च
👉सर्वाधिक उत्पादन वाली फसले – मिर्च, अमरूद, अंगुर व लाल मिर्च
👉उद्योग – यहां पर त्रिशुल छाप सीमेंट का निर्माण किया जाता है।
👉खनिज – बेन्टोनाइट, सिलिका रेत
sawai madhopur news