राजसमंद
राजस्थान की थर्मोपॉली – हल्दीघाटी
राजस्थान का मेराथन – दिवेरघाटी
Rajsamand District Tahsil list- total tahsil-7
Rajsamand District Area-4655 km2
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Rajsamand District Population- 11.6 lakh
Rajsamand district pin code- 313324
परिचय
➥ श्रीनाथद्वारा मे वल्लभ सम्प्रदाय की प्रधान पीठ तथा श्रीनाथ जी का भव्य मंदिर है।
➥ गोगुंदा मे महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक हुआ था।
स्थान विशेष
➯ कुंभलगढ़- महाराणा कुंभा द्वारा 1488 मे मुख्य शिल्पी मंडन द्वारा निर्मित दुर्ग। यह महाराणा प्रताप का जन्म स्थान था। हल्दीघाटी के युद्ध के बाद यह प्रताप की राजधानी रहा। इस दुर्ग को कटारगढ, कमलपीर, मेवाड़ की आंख आदि उपनामो से जाना जाता है। कुंभलगढ अभ्यारण्य भेड़ियो के लिए प्रसिद्ध है। यह दुर्ग हेमकूट पहाड़ी पर स्थित है इस पहाड़ी के अन्य उपनाम गन्धमान व नील हिमवन्त भी है।
➯ देवगढ- देवगढ से आमेट के मध्य एक संकरी पट्टी में पन्ना खनिज क्षेत्र है।
➯ आमेट- यह स्थान आमेट पशु मेले के कारण प्रसिद्ध है। यहां पर संगमरमर खनिज क्षेत्र है।
➯ चारभुजा- यहां पर चारभुजा नाथ जी का मंदिर है जो गोमती नदी के किनारे महाराज मौकल द्वारा निर्मित है। यहां पर प्रसिद्ध देवझुलनी का मेला लगता है।
➯ केलना – यह स्थान संगमरमर खनन क्षेत्र है।
➯ मोलेला- यह टेराकोटा कला के लिए प्रसिद्ध है।
➯ खमनौर- यह बनास नदी का उद्गम स्थल है। यंहा का चैती गुलाब भी प्रसिद्ध है। यहां पर बघेरी नाका है जो की बनास नदी पर वृहद पेयजल
➯ हल्दीघाटी- यहां पर मोहन श्रीमाली द्वारा महाराणा प्रताप संग्रहालय स्थापित किया गया है। यहां पर पिपलाद माता का मंदिर, बड़लिया हिन्दवा लोकतीर्थ, प्रताप जयन्ती का मेला व चेतक की समाधि अन्य आकर्षण के केन्द्र है।
➯ नाथद्वारा- यह स्थान अन्नकूट मेले व पिछवाई कला के केन्द्र के रूप मे प्रसिद्ध है। यंहा परवल्लभ मतावलम्बियो की प्रधान पीठ है।
➯ दरीबा- यह स्थान तांबा खनन क्षेत्र है। ‘
➯ गिलुण्ड- यहां पर ताम्रयुगीन सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए है।
➯ राजसंमद झील- महाराणा राजसिंह द्वारा 1662 से 1668 तक इस झील का निर्माण करवाया गया। इस झील की पाल नौचौकी पर पच्चीस शिलालेख मे संस्कृत भाषा में मेवाड़ का इतिहास उत्कीर्ण है।
➯ शाही बाग- इस स्थान पर झाला मन्ना महाराणा प्रताप का ताज पहनकर मुगल सेना से लड़े व शहीद हुए।
➯ कांकरोली– यह स्थान वल्लभ सम्प्रदाय का केन्द्र है व यही पर राज्य का सबसे बड़ा टायर ट्युब बनाने का कारखाना है। यहां पर पुष्टिमार्गीय वल्लभ सम्प्रदाय का द्वारकाधीश जी मंदिर है।
⇢ बनास नदी- इसका उद्गम राजसमंद मे खमनौर/जसवंत गढ की पहाड़ीयो से होता है। यह पुर्णतः राज्य मे बहने वाली सबसे लम्बी नदी है। इसकी लम्बाई 480 कि.मी. है। यह नदी टोंक को दो भागो में बांट देती है। इस नदी पर राजसमंद में नं. दसमंद बांध है। इसकी सहायक नदियां बेड़च, मेनाल, कोठारी, खारी, मांशी, ढील, डाई, सहोदरा, मोरल व ढंढ है।
⇢ कोठारी नदी- इसका उद्गम दिवेर घाटी से होता है। भीलवाड़ा में यह बनास में मिल जाती है।
➥ अभ्यारण्य- कुम्भलगढ व रावली टॉडगढ वन्यजीव अभ्यारण्य
➥ खनिज- विशेष संगमरमर के खनन मे राज्य मे प्रथम स्थान तथा पन्ना व डोलोमाइट का खनन भी यहां पर होता है।
➥ सभ्यताएं- बनास नदी के किनारे गिलुण्ड सभ्यता
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