राजस्थान में ऊर्जा विकास
(Energy Development in Rajasthan)

Power-Resources-of-Rajasthan

✓ 1000 MW से अधिक उत्पादन वाले बिजली घर
Super Thermal Power Station
1. सूरतगढ़ 2. कोटा थर्मल पावर 3. छबड़ा (बारा) निर्माणाधीन
उर्जा के परम्परागत स्त्रोत (अनवीनीकरणीय)
1. ताप विद्युत (Nuclear, Thermal, Gus)
2. जल विद्युत
गैर परम्परागत (नवीनीकरण संभव)
1. सौर उर्जा
2. पवन उर्जा.
3. Biogas
4. Tidal Energy (काण्डला)
5. भूतापीय उर्जा
1. हिमाचल प्रदेश की पूंगा घाटी
2. लद्दाख (J & K)
✓ राजस्थान में सर्वाधिक विकास की सम्भावना सौर उर्जा में है जबकि ग्रामीण क्षेत्र में Biogas .
✓ राजस्थान में सर्वाधिक Biogas Plant
1. Udaipur
2. Jaipur
✓ भारत में पहला जल विद्युत संयत्र 1897 में दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल) में लगाया गया था।
✓ दार्जिलिंग – नये राज्य की मांग (गोरखा लेण्ड)
(1) राजस्थान विद्युत नियामक प्राधिकरण (RERA)
स्थापना :- 9 जनवरी 2000
कार्यालय :- जयपुर
कार्य :- (A) विद्युत कम्पनी को License देना
(B) विद्युत कम्पनीयों का नियमन करना
(C) विद्युत की दरे निर्धारित करना
(2) RSEB :- RSEB को भंग करके (19 जुलाई 2002) को 5 नई कम्पनियों की स्थापना।
✓ राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम, जयपुर
✓ राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम, जयपुर
✓ जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JVVNL) राज्य के 12 जिले आते है ।
✓ अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (AVVNL) राज्य के 11 जिले आते है ।
✓ जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JOVVNL) राज्य के 10 जिले आते है ।
(3) राजस्थान अक्षय उर्जा निगम (RREC)
(Rajasthan Renewable Energy Corporation)
स्थापना – 9 अगस्त 2002
मुख्यालय -जयपुर
कार्य :- गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोतों का विकास करना।
(4) Power Pack :- दूर दराज के गांवों में सौर ऊर्जा से विद्युतीकरण करना।
(A) सूरतगढ़ सुपर थर्मल पावर (गंगानगर) :- राजस्थान का प्रथम सुपर पावर स्टेशन है । इसकी क्षमता 1250 मेगावाट (15X250 MW) है । यह राजस्थान को सर्वाधिक विद्युत आपूर्ति करने वाला VI इकाई 250 MW की का शिलान्यास वसुंधरा राजे द्वाराकिया गया , VII व VIII इकाई 660X2 = 1320 MW की प्रस्तावित है। इसे “आधुनिक राजस्थान का विकास तीर्थ“ कहा गया है। यह तरल ईंधन पर आधारित है।
(B) कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन :- इस थर्मल पॉवर की क्षमता = 1045 MW है। यहां 6 इकाईयां कार्यरत है। 7वीं निर्माणाधीन है। (195 MW ) यह कोयला आधारित है ।
(C) गिरल ताप विद्युत घर :- (बाड़मेर) यह राज्य का पहला लिग्नाइट आधारित ताप विद्युत घर है जो जर्मनी की सहायता से बनाया गया है । इसकी क्षमता 250 (125 X 2) है । जनवरी 2006 से उत्पादन कर रही है।
(D) नरसिंहसर (बीकानेर) :- नवेली ताप विद्युत निगम (तमिलनाडू) के सहयोग से स्थापित है इसकी क्षमता = 250 MW (125 X 2) है । इसका अक्टूबर 2008 में उद्घाटन सोनिया गांधी द्वारा किया गया ।
(E) गुढ़ा (बीकानेर) :- (रानेरी) – यह निजी क्षेत्र का पहला ताप विद्युत घर आन्ध्रप्रदेश की ‘मरूधरा’ कम्पनी द्वारा बनाया गया । इसकी क्षमता = 125 MW है ।
(E)Rajasthan Atomic Power Plant (Rawatbhata) RAPP :- यह प्लांट कनाडा की सहायता से 1972 में स्थापित देश का दूसरा प्लांट । जो 1977 में उत्पादन शुरू हुआ यह भारी पानी आधारित पहला। इसकी क्षमता 1280 MW है । इसकी 8 इकाईयां कार्यरत है | 7th व 8th इकाई में उत्पादन कार्य प्रारम्भ हो गया है । (750X2 = 1500MW) की । राजस्थान का दूसरा परमाणु बिजली घर बांसवाड़ा में प्रस्तावित है। देश के अन्य ताप विद्युत –
1. घर नवेली (तमिलनाडू)
2. दादरी (उत्तरप्रदेश)
3. सिंगरोली (उत्तरप्रदेश)
पवन ऊर्जा
राजस्थान में पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता 490 MW
➤ पहला ऊर्जा संयत्र
1) अमर सागर, जैसलमेर
2) देवगढ़, प्रतापगढ़
3) बीथड़ी, फलौदी (जयपुर)
[4) सोढ़ा, जैसलमेर
5) हर्ष पर्वत, सीकर]– एयरकॉन कम्पनी
(1) तमिलनाडू
(4) राजस्थान
(2) जाखम, अनुपपुरा (प्रतापगढ़)