राजस्थान में पशु संसाधन
(Animal Resources in Rajasthan)

राजस्थान-में-पशु-संसाधन

➤ राजस्थान में पशु गणना राजस्व मंडल, अजमेर द्वारा करवाई जाती है। यह प्रत्येक 5 वर्ष के अन्तराल पर होती है।
➤ पहली पशुगणना 1919-20 में हुई थी।
➤ 18वीं पशुगणना 2007 के अनुसार राज्य का पशु घनत्व 169 पशुप्रति वर्ग किलोमीटर है ।
➤ सर्वाधिक पशु घनत्व डूगरपुर (309) एवं न्यूनतम पशु घनत्व जैसलमेर (74) पशु प्रति किलोमीटर है ।
➤ भेड़ की चोकला/छापर/ शेखावाटी (Chokla / Chhapar / Shekhawati) नस्ल को भारत की मेरीनों (Marine) कहते है । जबकि मगरा (Magara) नस्ल को बीकानेरी चोकला कहा जाता है ।
➤ केन्द्रीय भेड़ एवं अन्य अनुसंधान केन्द्र की स्थापना भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा 1962 में अविकानगर (टोंक) में की गई ।
➤ भेड़ व ऊन प्रशिक्षण संस्थान जयपुर में है । जबकि केन्द्रीय ऊन विकास बोर्ड की स्थापना 1967 में जोधपुर में की गई ।
➤ सन् 1981-82 में स्विटरजर लैण्ड के सहयोग से बकरी विकास एवं चारा उत्पादन परियोजना शुरू की गई । इसके तहत अजमेर जिले के रामसर में बकरी फार्म स्थापित किया गया ।
➤ कडकनाथ परियोजना 2008 में बांसवाड़ा में शुरू की गई, इस कार्यक्रम के तहत चयनित परिवार को 50 कडकनाथ प्रजाती के मुर्गे प्रदान किये गये।
➤ राज्य के प्रथम पशु चिकित्सा एवं पशुविज्ञान महाविद्यालय की स्थापना 16 अगस्त 1954 को बीकानेर में की गई । इस प्रकार का दुसरा महाविद्यालय 2010-11 में जोधपुर में खोला गया ।
➤ डॉ. वर्गीज कुरियन को भारत में श्वेत क्रान्ति का जनक माना जाता है ।
➤ ऑपरेशन फ्लड़ (Operation flood) कार्यक्रम 5 वी. पंचवर्षीय योजना में लागु किया गया था।
➤ राजस्थान राज्य डेयरी फेडरेशन की स्थापना 1977 में की गई ।
➤ राज्य का प्रथम एवं एकमात्र दुग्ध विज्ञान महाविद्यालय 1978 में उदयपुर में स्थापित किया गया ।
➤ हेल्प इन सफरिंग संस्था द्वारा राज्य का प्रथम ऊट अस्पताल बस्सी (जयपुर) में स्थापित किया गया ।
➤ 2003 की अपेक्षा 2007 में जिन पशुओं की कमी हुई – ऊँट, सुअर व घोड़ा तथा कुल पशुओं में वृद्धि हुई।
➤ विश्व में पशुओं के आधार पर पहला स्थान – भारत
➤ विश्व में पशुओं के आधार पर दूसरा स्थान – सं. रा. अमेरिका
भारत में ➡️1st – उत्तरप्रदेश, 2nd – राजस्थान
राजस्थान में ➡️1st – बाड़मेर, 2nd – उदयपुर
दुग्ध उत्पादन➡️1st – भारत, 2nd – डेनमाक्र
राजस्थान में ➡️1st – जयपुर, 2nd- अलवर
➤ देशी मुर्गियां सर्वाधिक बांसवाड़ा में है।
➤ गाय कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र, बस्सी (जयपुर)
➤ भैंस कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र, बल्लभनगर (उदयपुर)
➤ सूअर कृषि फार्म, अलवर
➤ बतख चूजा केन्द्र, बांसवाड़ा
➤ अश्व प्रजनन केन्द्र, बीकानेर
➤ राजस्थान का एकमात्र दूग्ध विज्ञान महाविद्यालय
➤ पक्षी विज्ञान महाविद्यालय, जयपुर
➤ पशुविज्ञान महाविद्यालय, बीकानेर
1. गाय :- (Cow)
(A) गिर (Gir) – उत्पत्ति स्थान – गिरिवन (गुजरात)
➥ इसके बैल अजमेरा या रैण्डा कहलाते हैं।
➥ राजस्थान में अजमेर, भीलवाड़ा किशनगढ़, चित्तौड़गढ़
➥ दूग्ध के लिए प्रसिद्ध है।
(B) राठी (Rathi) – सर्वाधिक दुग्ध देने वाली नस्ल
➥ साहीवाल व सिन्धी का मिश्रण है।
➥ “राजस्थान की कामधेनू‘ । (Kamdhenu of Rajasthan)
(C) थारपारकर/मालाणी (Tharparkar / Malani) – मारवाड़ की राठी
➥ विषम जलवायु को सहन करने वाली
➥ जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, सांचोर
(D) नागौरी (Nagauri) – सुहालक
➥ उत्पत्ति स्थान – सुहालक क्षेत्र
➥ मजबूत बैल, भारवाहक व चुस्त
➥ कृषि हेतु उपयुक्त
➥ नागौर व झुंझुनू
(E) सांचोरी/कॉकरेज (Sanchori / Cokerage) – द्विप्रयोजन शील – सिरोही व जालौर (नेहड़ क्षेत्र)।
(F) हरियाणवी (Haryanvi) – हरियाणा के आसपास के क्षेत्र (7 जिले) दूग्ध उत्पादन हेतु प्रसिद्ध
(1) जर्सी (Jersey) – सं. रा. अमेरिका
(A) मुर्रा/खुण्डी (Murra / Khundi) – सर्वाधिक दूग्ध
➥ राजस्थान के अधिकांश क्षेत्रों में
(B) जाफराबादी (Jaffarabadi) – सर्वाधिक वसा
➥ अन्य नस्लें – भादवरी, नागपुरी, सुरती
3. ऊँट :- (Camel)
सर्रा रोग 5th KAZARI केन्द्र लेह लद्दाख – ऊँटों हेतु
(A) नांचना (Nachana) – जैसलमेर के नांचना गाँव में।
➥ दिखने में सुन्दर व सवारी हेतु उपयुक्त
(B) गोमठ (Gomath) – (बीकानेर) भारवाहक
अन्य नस्ले :- जैसलमेरी, फलौदी, बीकानेरी
➥ अविकानगर (टोंक)
➥ चोकला – भारतीय मेरिनो/शेखावटी
➥ सर्वाधिक ऊन देने वाली
➥ (शेखावटी क्षेत्र – सीकर, झुन्झुनू, चूरू)
➥ नाली – श्री गंगानगर, हनुमानगढ़ (घग्घर नदी)
➥ लम्बी रेशे वाली ऊन
➥ मगरा/चकरी – मांस हेतु प्रसिद्ध (जैसलमेर, बाड़मेर)
➥ सोनाड़ी/चनोथर – कान चरते समय जमीन को स्पर्श करते है ।
➥ डूंगरपूर, बांसवाड़ा, उदयपुर
➥ मोटी ऊन प्राप्त होती है।
➥ पूंगल – बीकानेर
➥मारवाड़ी – जोधपुर
➥ खेरी – जैसलमेर
➥ बकरी के मांस को चेवणी कहते हैं।
1. जमनापूरी (Jamnapuri) – सर्वाधिक दूग्ध व मांस के लिये जानी जाती है । यह सर्वाधिक कोटा, बूंदी, झालावाड़ में पायी जाती है ।
5. परबतसरी (Parbatsari) – नागौर
➥ राजस्थान में खरगोश (rabbit) प्रजनन केन्द्र – ऊंचा (चित्तौड़गढ़), मरमी के पास (राशमी)
(5) अविका कवच योजना :- यह योजना भेड़ों का बीमा करना तथा जो भेड़ पालक रेवड़ चराते हैं उनके बच्चों हेतु। विद्यालय खोलना।
नोट :- आइबोमिक्स – इस औषधि से पशुओं के दुग्ध में आश्चर्यजनक वृद्धि होती है।
पशुआहार संयंत्र :- (पशुआहार – बांटा)
(1) जोधपुर
(2) लालगढ़ (बीकानेर)
(3) नन्दबई (भरतपुर)
(4) तबीजी (अजमेर)
(5) झोटवाड़ा (जयपुर)
➥ राजस्थान की पहली दूग्ध डेयरी = पदमा डेयरी (अजमेर) (वर्तमान में सरस में विलय कर लिया गया है)
➥ राजस्थान की सबसे बड़ी = रानीवाड़ा (जालौर)
➥ दुग्ध उत्पादन में प्रथम जिला = (1) जयपुर (2) अलवर
➥ सबसे कम – धौलपुर
➥ राजस्थान की पहली दुग्ध उत्पादक समिति = इंदोरा, गंगरार (चित्तौड़गढ़)
⏩ भारत का विश्व में मछली (fish) उत्पादन में तीसरा स्थान है।
➥ भारतीय पश्चिमी तट छिछला होने से वहां मछली उत्पादन अधिक होता है।
प्रथम – USA, द्वितीय – JAPAN
मछली उत्पादन क्षेत्र
Grant Bank = USA
Dagar Bank = Europe
राजस्थान में मछली पालन क्षेत्र
(1) बड़ी तालाब – उदयपुर
(2) कानोता बांध – जयपुर
(3) बांसवाड़ा