राजस्थान में किसान आन्दोलन
(Rajasthan me Kisan Aandolan)
(Peasant movement in rajasthan)

राजस्थान-में-किसान-आन्दोलन

बिजौलिया किसान आन्दोलन
(Bijaulia Kisan Aandolan)
✔️ आबिद हुसैन द्वारा बिजोलिया में किसानों पर किये जा रहे अत्याचारों को सही ठहराया । इसके बावजूद भी मेवाड़ महाराणा ने उसकी अनदेखी कर दी ।
✔️ सन् 1903 में कृष्ण सिंह ने मालगाँव के किसानों पर नया कर चंवरी कर लगा दिया । जिसके तहत प्रत्येक किसान को अपनी पत्री का विवाह पर 5 रूपये ठिकाने को देने पडते थे । जनता के भारी विरोध के चलते अन्ततः कृष्ण सिंह को इस कर को वापस tu लेना पड़ा ।
✔️ राव कृष्ण सिंह की मृत्यु के बाद पृथ्वी सिंह बिजौलिया का नया जागीरदार बना । उसने 1906 में तलवार बंधाई/खड्ग बंधाई/नजराना नामक नया कर लगाया, यह एक उत्तराधिकारी शुल्क था ।
✔️ आरम्भ में इस किसान आन्दोलन का नेतृत्व साधु सीताराम दास के हाथों में रहा । पृथ्वीसिंह की मृत्यु के बाद केसरी सिह बिजौलिया का नया जागीरदार बना जो कि अल्पव्यस्क था । इसी समय प्रथम विश्व युद्ध आरम्भ हो गया। इसके तहत युद्धकोष में ठिकानों को धन जमा कराने को मजबूर होना पड़ा । अतः जागीरदारों ने जनता से वसुले जाने वाले करों में वृद्धी कर दी ।
विजय सिंह पथिक व किसान आन्दोलन
(Vijay Singh Pathik and peasant movement)
✔️ विजयसिंह पथिक के बचपन का नाम भूपसिंह था ।
✔️ विजयसिंह पथिक का जन्म 1873 में गुढ़ावली गाँव (उत्तरप्रदेश) राज्य के में हुआ था ।
✔️ आरम्भ में विजय सिह पथिक रास बिहारी बोस के क्रान्ति कारी दल के सदस्य थे ।
✔️ रास बिहारी बोस ने उन्हे राज्य में सशस्त्र क्रान्ति के योजनाकार ठाकुर गोपाल सिंह खरवा का साथ देने हेतु भेजा ।
✔️ भूपसिंह को कैद करके टाड़गढ़ जेल में रखा गया । यहां से यह गुप्त तरीके से वेश बदलकर भाग निकले, तथा अपना नाम परिवर्तित कर विजय सिंह पथिक रख लिया ।
✔️ सन् 1916 में साधु सीताराम दास के कहने पर विजय सिह पथिक ने बिजौलिया किसान आन्दोलन में प्रवेश किया ।
✔️ सीताराम दास व विजय सिह पथिक की प्रथम मूलाकात चित्तौड़गढ़ जिले के औछडी नामक स्थान पर हुई। यही पर इन्होने हरिशंरकर भाई किंकर के साथ विद्या प्रचारिणी सभा की स्थापना की ।
✔️ सन् 1917 में विजय सिह पथिक ने उपरमाल पंचबोर्ड का गठन किया जिसका अध्यक्ष श्री मन्ना भाई पटेल को बनाया गया । धीरे-धीरे इस आन्दोलन का स्वरूप व्यापक हो गया ।
बेगूं किसान आन्दोलन
(Begun Farmer’s Movement)
बरड़ या बूंदी किसान आन्दोलन
(Barad or Bundi Peasant Movement)
✔️ प्रत्यक्ष रूप से इस किसान आन्दोलन का नेतृत्व पण्डित नयनुराम शर्मा द्वारा किया गया ।
✔️ यह किसान आन्दोलन राज्य के बिजौलिया किसान आन्दोलन से प्रेरित था ।
नोट :- स्वतन्त्रता सेनानी माणिक्य लाल वर्मा ने शहीद नानक जी भील की स्मृति में अर्जी शीर्षक से गीत लिखा है ।
✔️ इस किसान आन्दोलन में महिलाओं ने भी भाग लिया । यह किसान आन्दोलन पूरी तरह से राज्य सरकार के विरूद्ध था ।
अलवर किसान आन्दोलन
(Alwar Kisan Movement)
✔️ 1923-24 के वर्ष में राजस्व में भारी वृद्धी की गई जिसके चलते किसानों में भारी असन्तोष था ।
नीमूचणा हत्याकांड
(Neemuchna massacre)
मारवाड़ किसान आन्दोलन
(Marwar Peasant Movement)
शेखावाटी किसान आन्दोलन (जयपुर किसान आन्दोलन)
{Shekhawati peasant movement (Jaipur peasant movement)}
कटराथल सभा (सीकर)
{Katrathal Sabha (Sikar)}
25 अप्रेल 1934
जयसिंहपुरा हत्याकांड
(Jaisinghpur Hatyakand)
खुण्डीग्राम की घटना (सीकर)
{Khundigram incident (Sikar)}
कूदणा हत्याकांड
(Koodna Hatyakand)
बीकानेर किसान आन्दोलन
(Bikaner Farmer’s Movement)
दूधवा-खारा आन्दोलन
(Dudhwa-Khara movement)
अलवर-भरतपुर का मेव किसान आन्दोलन
(Meo Farmer’s Movement of Alwar-Bharatpur)
✔️ भरतपुर में 1932 में अंजुमन उल-खादी-इस्लाम नामक संस्था की स्थापना की गई । इस संस्था के द्वारा उर्दू का प्रचार-प्रसार मुस्लिमों के लिये पृथक शिक्षण संस्थाओं की स्थापना तथा मस्जिदों को सरकारी नियन्त्रण से मुक्त करने पर जोर दिया गया । लोनी कर किसान आन्दोलन
(Loni Kar Peasant Movement)
लाणा प्रथा
(Lana system)