नागौर
➤ प्राचीन नाम – अहिछत्रपुर
➤ उपनाम – धातु/औजारो की नगरी
Nagaur District Tahsil Map-
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Nagaur District Tahsil List- Total Tahsil-10
Nagaur District Village List- Total Village-192
Nagaur District Pin code- 341001
परिचय
➥ यह स्थान लोकसन्त जाम्भोजी की जन्मस्थली पींपासर, वीर तेजाजी की जन्मस्थली खड़नाल, हड़बु जी की जन्मस्थली भुंडेल के होने के कारण आस्था का केन्द्र है।
➥ देश की एकमात्र टंगस्टन की खान यहां के डेगाना तहसील में भाकरी गांव की खेत पहाड़ी में स्थित है।
➥ राज्य मे जिप्सम के सर्वाधिक भण्डार गोठ मांगलोद में है।
➥ देश मे सर्वप्रथम पंचायती राज का श्रीगणेश प. जवाहर नेहरू के द्वारा 2 अक्टुबर 1959 को बगदारी गांव से किया गया।
➥ इस समय राज्य के मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया थे।
➥ देश में पंचायती राज अपनाने वाला दुसरा राज्य आन्ध्रप्रदेश था।
➥ पंचायती राज का जनक बलवन्त राय मेहता समिती को माना जाता है व आधुनिक पंचायती राज का जनक राजीव गांधी को माना जाता है।
➥ नागौर के डीडवाना मे खारे पानी की झील है जिसके जल से कागज बनाया जाता है।
➥ इस झील में राज्य का सबसे बड़ा सोडियम सल्फेट संयंत्र है।
➥ डीडवाना में निरंजनी सम्प्रदाय की पीठ स्थित है।
➥ 1994 मे मेड़ता शहर से मेड़ता रोड़ के बीच देश की पहली रेल बस सेवा प्रारंभ की गई।
➥ लाडनं मे जैन विश्व भारती शिक्षण संस्थान स्थित है।
➥ यह डीम्ड विश्वविद्यालय है।
➥ आय की दृष्टी से राज्य का सबसे बड़ा पशुमेला परबतसर नागौर मे लगता है।
➥ 1570 ई. मे अकबर ने नागौर मे दरबार लगाया था जिसमे मारवाड़ के अधिकांश शासको ने अकबर की अधीनता को अपनाया।
➥ यहां सर्वाधिक पशु मेले आयोजित होते है।
➥ नागौर जांगल प्रदेश की राजधानी रहा है।
➥ यह पान मैथी उत्पादक जिला है।
➥ यहां के हस्त निर्मित औजार प्रसिद्ध है।
➥ यहां के भूजिया उद्योग को विशेष पहचान प्राप्त हुई है।
➥ नागौर मे जीरा मण्डी है।
➥ नागौर मे ही मैंथा नदी पर लुणवा जैन तीर्थ है।
➥ यहां पर अमरसिंह की 6 खंभो की छतरी है।
➥ जायल मे सौर उर्जा संयंत्र है।
➥ पूंजियावास मेड़ता मे बायोमास संयंत्र है।
➥ रतनजोत अनुसंधान केन्द्र भी यही पर है।
➥ गायों की प्रसिद्ध नस्ल नागौरी नागौर मे ही पाई जाती है।
➥ 2 हजार वर्षों तक यहां पर नागवंशीय राजाओ ने शासन किया जिन्हे राजपूतो ने हराया व बाद मे यह भूभाग मुगलो के आधिपत्य मे आ गया।
➥ मुगलो के पतन के बाद यहां पर राठौड़ो ने शासन किया।
➥ मीरा बाई का जन्मस्थल मेड़ता इसी जिले में है।
➥ आजादी के बाद राजस्थान बनने पर नागौर को जिला मुख्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ।
➥ टॉकला गांव मे प्रसिद्ध दरी उद्योग है।
➥ नागौर में हैण्डलुम डिजाइन, डेवलपमेंट व ट्रेनिंग सेंटर है।
➥ बडू में सयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा जूतियां बनाने की परियोजना चल रही है।
➥ मेड़ता सिटी व परबतसर मे सबसे ज्यादा नागौरी बैलो का व्यापार होता है।
स्थान विशेष
➥ जायल- यहां पर पाबुजी ने गौरक्षा हेतु खिचियो से संघर्ष किया था। यहां के गोराउ नामक स्थान से ताम्रयुगीन उपकरण प्राप्त हुए थे।
➥ गोठ-मांगलोद – यह जिप्सम खनिज क्षेत्र है तथा यहां पर दधी माता का मंदिर है।
➥ खीवंसर- यहां पर निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी सौर उर्जा परियोजना संचालित की जा रही है।
➥ गोटन- यहां पर 1984 मे राज्य का पहला सफेद सीमेंट का कारखाना खोला गया है।
➥ मेड़ता सिटी- राव दुदा द्वारा निर्मित मीरा मंदिर यहां पर मुख्य आस्था स्थल है। इसके अलावा श्री बलदेव पशुमेला, चारभुजानाथ मंदिर, मालकोट का किला, डागोलाई तालाब व भांवलमाता का मंदिर अन्य मुख्य स्थान है।
➥ रैण- यहां पर संत दरियाव जी द्वारा स्थापित रामस्नेही सम्प्रदाय की पहली पीठ है।
➥ डेगाना- यहां पर देश की सबसे बड़ी टंगस्टन खनन परियोजना है।
➥ परबतसर-
- यहां पर राज्य का सबसे बड़ा पशु मेला वीर तेजाजी पशुमेला आयोजित होता है।
- किणसरिया में कैवाय माता का मंदिर है।
- यहां पर कुराड़ा नामक स्थान पर ताम्रयुगीन सभ्यता के उल्लेख मिले है।
➥ मकराना- यह स्थान सफेद संगमरमर के लिए प्रसिद्ध है। ताजमहल व विक्टोरिया मेमोरियल के निर्माण में यही का पत्थर प्रयोग किया गया है।
➥ कुचामन- लोक नाट्य कुचामण ख्याल के प्रसिद्ध कलाकार लच्छी राम है। इस स्थान पर चक्कियो के एमटी स्टोन बहुतायात मे पाए जाते है।
➥ मातासुख-कस्नाउ – यहां पर लिग्नाइट की खाने प्राप्त हुई है।
➥ हसोलाव- यहां पर नवल सम्प्रदाय के प्रवर्तक संत नवलदास जी का जन्मस्थान है।
➥ शुक्र तालाब- यह अकबर द्वारा बनवाया गया तालाब है।
➥ ताउसर- यहां पर जयप्पा सिंधिया की छतरी है।
➥ जयप्पा सिंधिया की छतरी – सुफीयो के कादरिया शाखा के प्रवर्तक सैयद सेफुधीन अब्दुल बहाव की दरगाह है।
➥ नागौर का किला- सोमेश्वर चौहान के सामंत कैमास/ मोहम्मद बाहलीम द्वारा निर्मित दोहरी प्राचीर वाला किला
➥ पाडा माता- डीडवाना झील के किनारे स्थित सरकी या पाडा माता का मंदिर है।
➥ मीरागढ-कुड़की – सूकड़ी नदी के किनारे स्थित कुड़की गांव मीरा का जन्म स्थल होने का गौरव रखता है। यहां स्थित एक मध्यकालीन गढ
मीरागढ के नाम से विख्यात है।
➥ रोटु- यह आखेट निषिद्ध क्षेत्र है।
➥ रेण- रामस्नेही सम्प्रदाय के महात्मा दरियाव जी महाराज की कर्मस्थली व निवास स्थल है।
➥ किसरिया- यहां पर केवास माता का 10वीं सदी का मंदिर है।
➥ अन्य मुख्य स्थान- हमीमुद्दीन नागौरी की दरगाह-तारकीन, कांसा उत्पादक कल्सटर, अबुल फजल फैजी का जन्म स्थल, जिप्सम के भण्डार व बुलन्द दरवाजा
➥ आर.टी.डी.सी. होटल- कुरंजा
⏩ कृषि विशेष-
1. सर्वाधिक क्षेत्रफल वाली फसल- अलसी, मुंग व तारामीरा
2. सर्वाधिक उत्पादन वाली फसल- अलसी, मुंग, तारामीरा व आंवला
⏩ प्रमुख पशु मेले
1. रामदेव पशुमेला- फरवरी
2. बलदेव पशुमेला- अप्रेल
3. जसवन्त जी व वीर तेजाजी पशु मेला- अगस्त माह में
⏩ खनिज- चुना पत्थर व चीनी मृतिका
⏩ प्रमुख दुर्ग- नागौर दुर्ग, मालकोट/ मेड़ता दुर्ग, मीठड़ी दुर्ग, कुचामन दुर्ग, मारोठ दुर्ग, घाटवा पहाड़ी दुर्ग, श्यामगढ दुर्ग, जीलियागढ दुर्ग, हरसौर दुर्ग, डोडियान दुर्ग, भकरी दुर्ग, डेगाना दुर्ग, दौलतपुरा दुर्ग, बोरावड़ दुर्ग, खीवंसर दुर्ग, लाडनूं दुर्ग, अरट दुर्ग, बूड़सु दुर्ग, मीण्डावाला दुर्ग, शिव दुर्ग, मनारा दुर्ग, सरगोठ दुर्ग, कालेटड़ा दुर्ग व पीपलाद दुर्ग
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