खनिज संसाधन
👉 संविधान के तहत खनिजो पर राज्य सरकारो का अधिकार है और खनन कानुनो का क्रियान्वयन राज्य सरकारो की जिम्मेदारी है, किन्तु केन्द्र सरकार खान और खनिज अधिनियम, 1957 के अर्न्तगत बनाये गए कानुनो के जरिए अपतटीय क्षेत्रो में उत्पादित खनिजो को नियमित करती है।
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👉 खनिज प्राकृतिक रूप में उत्पन्न ऐसा तत्व है जिसकी अपनी भौतिक विशेषताएँ होती है तथा जिसकी बनावट को रसायनिक गुणो के द्वारा व्यक्त किया जा सकता है। यह पृथ्वी से उत्खनन (उपरी परत में खुदाई) व खनन (गहराई के साथ खुदाई) के द्वारा प्राप्त होता है।
👉 2016-17 तक भारत में 95 प्रकार के खनिज मिले है। जिनमें मात्रा के आधार पर झारखण्ड व विविधता के आधार पर राजस्थान प्रथम स्थान पर है। खनिज उत्पादन इण्डेक्स का आधार वर्ष 2004-05 है।

खनिज संसाधन
भारत की खनिज पेटियाँ

1. छोटा नागपुर पेटी – इस पेटी के अन्तर्गत झारखण्ड, ओडिशा तथा प. बंगाल राज्यो को समाहित किया गया है। यह पेटी मुख्यतः प्राचीन नीस तथा ग्रेनाइट शैलो से युक्त है। यहां से कोयला, लौह अयस्क, अभ्रक, मैगनीज, क्रोमाइट, यूरेनियम, तांबा, चीनी मिट्टी व चूना प्रचुर मात्रा में मिलते है। इस पेटी को भारत की लौह एवं इस्पात पेटी कहा जाता है। क्योंकि अधिकांश इस्पात के कारखाने (कुल्टी, दुर्गापुर, बोकारो, राउरकेला, जमशेदपुर आदि) इस पेटी में स्थित है।
2. मध्यवर्ती पेटी – आन्ध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में विस्तृत इस पेटी में मैगनीज, बॉक्साइट, संगमरमर, चूना पत्थर, लिग्नाइट, अभ्रक, लौह अयस्क, ताम्बा व ग्रेफाइट आदि प्राप्त होते है।
3. दक्षिण पेटी – यह पेटी कर्नाटक व तमिलनाडु में विस्तृत है। यहां सोना, लोहा, ताम्बा, लिग्नाइट, जिप्सम, चूना पत्थर आदि का भण्डार है।
4. उतर पश्चिमी पेटी – राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में फैली इस पेटी में ताम्बा, जस्ता, यूरेनियम, अभ्रक, नमक, कीमती पत्थर, खनिज
तेल, प्राकृतिक गैंस आदि के भण्डार है।
5. दक्षिण पश्चिमी पेटी – इसका विस्तार गोवा, दक्षिणी कर्नाटक, और केरल राज्य में है। इस पेटी से इल्मेनाइट, जिरकान, मानोजाइट, गार्नेट, चिकनी मिट्टी, लौहा तथा चूना पत्थर प्राप्त होते है।
खनिजो को उपलब्धता के आधार पर तीन भागो में बांटा जा सकता है–
(1) धात्विक (2) अधात्विक (3) उर्जा खनिज
धात्विक खनिज :- वे खनिज जिनमें धातु अंशो की प्रधानता पाई जाती है। इन्हे धात्विक खनिज कहा जाता है। खानो से निकाले जाने के बाद इनकी अशुद्धियों को दूर करने के लिए इनका परिष्करण करना आवश्यक होता है। ये आग्नेय चट्टानो में पाए जाते है। ये खनिज ताप व विद्युत के सुचालक होते है, इन्हे दो भागो में बांटा जा सकता है-
(1) लौह खनिज – वे खनिज जिनमे लौहे का अंश पाया जाता है, लौह खनिज कहलाते है। जैसे- लौह अयस्क, टंगस्टन, मैगनीज, निकल, कोबाल्ट आदि ।
(2) अलौह खनिज – वे खनिज जिनमें लौहे के अंश का अभाव होता है, अलौह खनिज कहलाते है। जैसे- सीसा, जस्ता, सोना, चांदी, प्लेटिनम आदि ।
अधात्विक खनिज :- जिन खनिजो में धातु के अंश नही पाए जाते है उन्हे अधात्विक खनिज कहा जाता है। ये ताप व विद्युत के कुचालक होते है। ये परतदार चट्टानो मे पाए जाते है। इनमे अशुद्धियां कम पाई जाती है इसलिए इनका परिष्करण करने की आवश्यकता नही पड़ती है। जैसे- जिप्सम, हीरा, नमक, ग्रेनाइट, संगमरमर, अभ्रक, चूना पत्थर आदि।
उर्जा खनिज :- वे खनिज जिनसे उर्जा की प्राप्ति होती है, उर्जा खनिज कहलाते है। इन्हे उपयोग व उपलब्धता के आधार पर दो उपभागो में विभाजित किया जा सकता है।
(1) ईंधन खनिज :- कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैंस आदि।
(2) आण्विक खनिज :- थोरियम, यूरेनियम, ग्रेफाइट, लिथियम, बेरेलियम आदि ।
महत्वपूर्ण तथ्य –
✪ जिन कच्ची धातुओ से खनिज प्राप्त होते है, उन्हे अयस्क कहा जाता है। खनिजो को भूगर्भ से बाहर निकालने की प्रक्रिया उत्खनन या खनन कहलाती है।
✪ छोटा नागपुर का पठार भारतीय खनिज पदार्थो का भण्डार गृह कहलाता है।
✪ भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग (जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया) की स्थापना 1851 में कोलकता में की गई। यह संस्था खनिजो के विकास के क्षेत्र में कार्य करती है।
✪ भारतीय खान ब्यूरो की स्थापना 1948 में नागपुर में की गई। यह संस्था खनिजो का संरक्षण करती है।
✪ खनिज अन्वेशषण व निगम लि. की स्थापना 1972 मे नागपुर में की गई। यह संस्था नए खनिजो की खोज करती है।
✪ तेल व प्राकृतिक गैस निगम की स्थापना 14 अगस्त 1956 में की गई।
✪ भारतीय गैंस प्राधिकरण लि. 1984 में स्थापित किया गया।
✪ पेट्रोलियम निदेशालय का गठन 1997 में किया गया।
✪ परमाणु खनिज अन्वेषण व अनुसंधान निदेशालय एवं प्रयोगशाला का गठन प्रतापनगर, जयपुर में 2004 में किया गया है।
✪ वर्ष 2016-17 के कुल खनिज निर्यात में 80 प्रतिशत से भी अधिक हिस्सा हीरो का था।
✪ एशिया में सर्वश्रेष्ठ किस्म का जिंक व सीसा भीलवाड़ा के रामपुरा आगुचा में है।
✪ रतनजोत के बीजो से तेल उत्पादन हेतु बायो डिजल प्लांट झामरकोटड़ा (उदयपुर) में लगाया गया है।
✪ बायो फ्यूल मिशन 2005-06 से प्रारम्भ किया गया है।
✪ देश की पहली व एकमात्र जैतून रिफायनरी 3 अक्टुबर 2014 को लुणकरणसर (बीकानेर) में लगाई गई। इसमें उत्पादित जैतून तेल को “राज ऑलिव ब्रांड” के नाम से बेचा जाता है।
✪ जैतून तेल का विश्व में सबसे सर्वाधिक उत्पादन स्पेन तथा भारत में राजस्थान में होता है।
लौह अयस्क :-
✪ लौह अयस्क को सभ्यता की रीढ कहा जाता है।
✪ वर्तमान समय में भारत विश्व में लौह अयस्क उत्पादन में चतुर्थ स्थान रखता है। जबकि संचित भंडार सर्वाधिक भारत में है।
✪ विश्व में लौह अयस्क के उत्पादन की दृष्टि कर्नाटक व उत्पादन की दृष्टि से ओडिशा राज्य प्रथम स्थान पर है। दूसरा स्थान झारखण्ड का है।
✪ भारत में लौह अयस्क प्रायद्वीपीय भारत की धारवाड़ क्रम की चट्टानो में पाया जाता है।
✪ लौहांश की मात्रा के आधार पर लौह अयस्क चार प्रकार के होते है।
मैग्नेटाइट :-
✪ यह सर्वोतम किस्म का काले रंग का लौह अयस्क है।
✪ इसमें लौहांश की मात्रा 72% तक होती है।
✪ यह आग्नेय शैलो वाले क्षेत्र में पाया जाता है।
✪ यह भारत के दक्षिणी क्षेत्र कर्नाटक (कुन्द्रेमुख), आंध्रप्रदेश एवं तमिलनाडू (सलेम), केरल (कोझीकोड़) में पाया जाता है।
हेमेटाइट :-
✪ भारत में यह सर्वाधिक मात्रा में पाया जाता है।
✪ यह लाल रंग का लौह अयस्क है। है इसमें लौहांश की मात्रा 60-70% तक होती है। है यह जलज चट्टानो में पाया जाता है।
✪ भारत में यह लौह अयस्क उड़ीसा व छतीसगढ में पाया जाता है।
लिमोनाइट :-
✪ यह अवसादी शैलो से प्राप्त होने वाला अयस्क है। यह परतदार चट्टानो में पाया जाता है।
✪ इसमें लौहांश की मात्रा 45-60% तक होती है। इसका रंग हल्का पीला अथवा हल्का भूरा होता है।
सिडेराइट :-
✪ यह अवसादी शैलो से प्राप्त होने वाला अयस्क है, जिसे फेरस कार्बोनेट कहते है।
✪ इसमें लौहांश की मात्रा 40-45% तक होती है।
✪ इसका रंग भूरा होता है।
भारत की प्रमुख लौह अयस्क की खाने
राजस्थान ⟶ मोरीजा, खो दरीबा, नीमला राइसेला
महाराष्ट्र ⟶ रत्नागिरि
गोवा ⟶ अदूलमाले, उर्सा
कर्नाटक ⟶ बाबा बूदन की पहाड़ीयां, कुन्द्रेमुख
केरल ⟶ कोझीकोड
तमिलनाडू ⟶ सेलम
आंध्र प्रदेश ⟶ओंगोल कुण्डलक्कमा, छावली
ओडिशा ⟶ पोम्पाद, बादाम पहाड़, इगरूमहिसानी
प.बंगाल ⟶ दामूदा श्रेणी
मध्यप्रदेश ⟶ राजघाट व जबलपुर
मैगनीज :-
✪ ये भारत में धारवाड़ शैली में प्राकृतिक ऑक्साइड के रूप में प्राप्त किया जाता है।
✪ इसका प्रयोग लौह इस्पात उद्योग में प्रमुख कच्चे माल के रूप में किया जाता है। इसके अतिरिक्त इसका उपयोग फोटोग्राफी में प्रयुक्त लवणो में, शुष्क बैटरियों के निर्माण में, माचिस उद्योग में एवं चमड़ा उद्योग में किया जाता है।
✪ मैंगनीज उत्पादन में भारत विश्व में पांचवे स्थान पर है। जबकि भारत में इसका सर्वाधिक उत्पादन ओडिशा में तथा भण्डार मध्यप्रदेश में है। भारत में इसकी प्रमुख खाने उड़ीसा की केन्दुझार, बोनाई व कालाहाण्डी, मध्यप्रदेश की पोनिया व बालघाट तथा कर्नाटक की सुंदुर पहाड़ी है।
बॉक्साइट :-
✪ यह एल्युमिनियम धातु का अयस्क है, जो टर्शियर यूग की लैटेराइट चट्टानो से प्राप्त होता है।
✪ इसमें एल्युमिनियम की मात्रा 50-60 प्रतिशत के बीच होती है।
✪ इसके संचित भण्डार व उत्पादन की दृष्टि से ऑस्ट्रेलिया प्रथम स्थान पर है। ऑस्ट्रेलिया की “वाइपा” खान इसकी सबसे प्रमुख खान है।
✪ भारत का बॉक्साइट उत्पादन की दृष्टि से विश्व में तीसरा स्थान है। ओडिशा संचित भण्डार व उत्पादन की दृष्टि से देश में प्रथम स्थान पर है। ओड़िशा पूरे भारत का 80 प्रतिशत बॉक्साइट उत्पादित करता है।
ताम्बा :-
✪ देश में ताम्बे का कम उत्पादन होने के कारण हमे यू.एस.ए., कनाडा, एवं मैक्सिको से इसका आयात करना पड़ता है।
✪ विश्व में ताम्बे का सर्वाधिक उत्पादन चिली में होता है। चुक्कीकामाटा इसकी प्रमुख खान है।
✪ भारत का ताम्बा उत्पादन में विश्व में 11वां स्थान है।
✪ भारत में ताम्बे के भण्डारण की दृष्टि से झारखण्ड तथा उत्पादन की दृष्टि से मध्य प्रदेश प्रथम स्थान पर है।
सीसा-जस्ता :-
✪ सीसा का प्रमुख अयस्क गैलेना है, जो जस्ते व चांदी के साथ संयुक्त रूप में प्राप्त होता है।
✪ सीसे का प्रयोग लोहे की चादरो की कोटिंग, स्टोरेज बैटरी, प्लमिंग का सामान, विद्युतीय तारों आदि में किया जाता है।
✪ विश्व में सीसा जस्ता उत्पादन में चीन पहले तथा भारत 7वें स्थान पर है। ✪ भारत में राजस्थान सबसे ज्यादा सीसे-जस्ते का उत्पादन करता है। यहां स्थित जावर की खान (उदयपुर) से इसका उत्पादन किया जाता है।
✪ जावर में हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड का संयंत्र स्थापित है।
✪ देश में जस्ता प्रदवण के लिए अलवाय (केरल), देबारी (उदयपुर, राजस्थान) तथा विशाखापतनम (आंध्रप्रदेश) में कारखाने स्थापित है।
सोना :-
✪ देश में स्वर्ण अयस्क धारवाड़ शिस्ट शैलो क्वार्टजाइट की चट्टानों से प्राप्त किया जाता है।
✪ विश्व में सोना उत्पादन की दृष्टि से दक्षिण अफ्रीका का प्रथम स्थान है, सोना अयस्क के प्रमुख स्थान बिट्वाटर्स रेड (जोहान्सबर्ग) तथा ऑस्ट्रेलिया की कालगुर्ली व कुलगार्डी की खाने है।
✪ भारत सोने की सबसे ज्यादा खपत करता है तथा इसके लिए सोने की आपुर्ति स्वीटजरलैण्ड द्वारा की जाती है।
✪ भारत में कर्नाटक राज्य की कोलार व हट्टी की खाने प्रसिद्ध है। देश में सोने का पहला परिशोधन कारखाना 2001 में महाराष्ट्र के सिरपुर (धुले) नामक स्थान पर स्थापित किया गया।
✪ हरियाणा के सोहना नामक स्थान पर एक गोल्ड रिफायनरी की स्थापना की जा रही है।
चाँदी :-
✪ भारत में विशुद्ध रूप से चाँदी की खाने नही पाई जाती है, तथा चाँदी अधिकांशतः जस्ता, ताँबा तथा सोना के अयस्क के साथ मिश्रित रूप में पाई
जाती है।
✪ विश्व में चाँदी उत्पादन में मैक्सिको प्रथम स्थान पर है। भारत की 90% चाँदी का उत्पादन राजस्थान करता है।
✪ राजस्थान में उदयपुर की जावर खान इसका प्रमुख क्षेत्र है।
अभ्रक (माइका) :-
✪ आग्नेय व कायांतरित चट्टानो में खण्डो के रूप में इसकी प्राप्ति होती है, जिसका प्रमुख अयस्क पिग्माटाइट है।
✪ अभ्रक विद्युतरोधी, तापरोधी व ध्वनीरोधी होता है।
✪ विश्व में सबसे ज्यादा अभ्रक उत्पादन भारत में होता है। भारत में राजस्थान अभ्रक का सबसे बड़ा उत्पादक है।
✪ सफेद अभ्रक को रूबी कहा जाता है।
✪ पीले/पीत अभ्रक को फलोगोपाइट कहा जाता है।
✪ श्याम/काले अभ्रक को बायोटाइट कहा जाता है। इसके रंग में हल्का गुलाबीपन होता है।
हीरा :-
✪ हीरा कार्बन का सबसे शुद्ध एवं पृथ्वी का सबसे कठोर तत्व माना जाता है।
✪ विश्व प्रसिद्ध कोहीनूर हीरा आंध्रप्रदेश की गोलकुण्डा की खान से प्राप्त हुआ।
✪ वर्तमान में हीरा उत्खनन की दृष्टि से मध्यप्रदेश ही एकमात्र सम्पन्न राज्य है जिसके पन्ना व सतना जिलो से इसका उत्खनन किया जाता है।
✪ हीरे की सबसे बड़ी मण्डी मुम्बई है, जहां इसकी कटाई की जाती है।
✪ प्री कैम्ब्रियन काल की जीवाश्म रहित खानो से प्राप्त होने वाला हीरा मूल्यवान होता है।
✪ विश्व की किम्बरले खान (दक्षिण अफ्रीका) हीरे की प्रमुख खान है तो भारत की पन्ना खान (मध्य प्रदेश) प्रसिद्ध है।
कोयला :-
✪ कोयला कार्बन व हाइड्रोजन के संघटन से निर्मित होता है जिसमें ऑक्सीजन व नाइट्रोजन गौण तत्व के रूप में होते है।
✪ यह वनस्पति का कार्बनीकृत अवशेष है जो हाइड्रोकार्बन से निर्मित होता है।
✪ भारत विश्व के कोयला उत्पादन का 7.2% उत्पादन कर तीसरे स्थान पर है।
✪ भारत में झारखण्ड सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य है, जिसके बाद छतीसगढ द्वितीय स्थान पर तथा ओड़िशा तीसरे स्थान पर है। उड़ीसा का सम्बलपुर जिला कोयले का सबसे बड़ा उत्पादक है।
✪ कार्बन के अनुपात के आधार पर कोयले की गुणवता का निर्धारण किया जाता है।
गुणवता के आधार पर कोयले को चार भागो मे मिलता है-
एन्थ्रेसाइट कोयला :-
➥ यह सबसे उतम किस्म का कोयला है जो कि जलते समय धुआं कम व ताप अधिक देता है।
➥ इसमें 80 से 90% कार्बन, 2% से 5% जल तथा 25% से 40% तक वाष्प की मात्रा होती है।
➥ जम्मू कश्मीर राज्य में इसका जमाव है।
बिटुमिन्स कोयला :-
➥ यह द्वितीय श्रेणी का कोयला है, जो गोड़वाना काल के कोयले के समकक्ष है।
➥ इसमें 55 से 65 प्रतिशत कार्बन की मात्रा होती है।
लिग्नाइट कोयला :-
➥ यह निम्न श्रेणी का कोयला है, जिसका रंग भूरा होता है। इसमें कार्बन की मात्रा 40-45 प्रतिशत तक पाई जाती है।
➥ भारत में यही कोयला सर्वाधिक मात्रा में पाया जाता है।
➥ भारत मे नैवेली (तमिलनाडू), कपूरड़ी जालिपा (बाड़मेर), पलाना, बरसिंहसर (बीकानेर), लखीमपुर (असम), करैया क्षेत्र (कश्मीर) उमरसर (गुजरात) में यह कोयला मिलता है।
➥ मन्नारकुड़ी (तमिलनाडू) में लिग्नाइट का सबसे बड़ा भण्डार है।
पीट कोयला :-
➥ कोयले का निकृष्ट रूप जो लकड़ी से मिलता जुलता है।
➥ इसमें कार्बन की मात्रा 30% से कम होती है।
टीन :-
✪ विश्व में सर्वाधिक टीन मलेशिया में उत्पादित होता है।
✪ देश में छतीसगढ एकमात्र टिन उत्पादक राज्य है।
संगमरमर :-
✪ विश्व में सर्वाधिक संगमरमर भारत में उत्पादित होता है।
✪ भारत में सर्वाधिक संगमरमर राजस्थान में उत्पादित होता है।
✪ मकराना (नागौर) का सफेद संगमरमर विश्व प्रसिद्ध है। जिससे आगरा का ताजमहल बना है।
काला संगमरमर – भैसलाना (जयपुर)
पीला संगमरमर – जैसलमेर
हरा संगमरमर – उदयपुर
सात रंग का संगमरमर – खादरा गांव (पाली)
संगमरमर मंडी – किशनगढ़ (अजमेर)
टंगस्टन :-
✪ विश्व में सर्वाधिक टंगस्टन भारत में उत्पादित होता है।
✪ भारत में सर्वाधिक टंगस्टन राजस्थान में होता है।
✪ डेगाना भाखरी (नागौर) में टंगस्टन की एशिया में सबसे बड़ी खान है।
पेट्रोलियम :-
✪ यह चट्टानी तेल है जो टर्शियर युग की जलज अवसादी चट्टानो से प्राप्त किया जाता है।
✪ यह हाइड्रोकार्बन यौगिको का मिश्रण है। हाइड्रोकार्बन में 70 प्रतिशत तेल व 30 प्रतिशत गैंसे मिली होती है।
✪ कच्चा तेल/ क्रूड ऑयल को काला सोना कहा जाता है।
✪ पेट्रोलियम अवसादी चट्टानो से प्राप्त होता है।
✪ विश्व का सबसे बड़ा पेट्रोलियम उत्पादक देश संयुक्त राज्य अमेरिका है, दूसरे स्थान पर सउदी अरब है।
✪ भारत में सर्वप्रथम 1889 में डिग्बोई (असम) में पेट्रोलियम उत्पादन प्रारम्भ हुआ।
✪ भारत मे खनिज तेल के प्रमुख क्षेत्रो में ब्रह्मपुत्र घाटी, गुजरात तट, बोम्बे हाई आदि प्रमुख है।
✪ बोम्बे हाई मे सम्राट नामक जहाज के सहयोग से भारत तेल का उत्पादन कर रहा है।
✪ खम्भात, लूनोज व अंकलेश्वर गुजरात के प्रमुख पेट्रोलियम क्षेत्र है।
-: परमाणु खनिज :-
यूरेनियम –
✪ इसकी प्राप्ति धारवाड़ व आरियन क्रम की चट्टानो से होती है। पिंच ब्लेड, सांभर स्काइट एवं थोरियानाइट यूरेनियम के प्रमुख अयस्क है।
✪ झारखण्ड का जादूगोड़ा भारत मे यूरेनियम के लिए प्रसिद्ध है।
✪ विश्व में संचित भण्डार की दृष्टि से ऑस्ट्रेलिया प्रथम व उत्पादन की दृष्टि से कनाडा प्रथम है।
✪ राजस्थान मे यूरेनियम की प्राप्ति भीलवाड़ा, बूंदी और उदयपुर जिलो से हुई है।
थोरियम –
✪ थोरियम उत्पादन मे भारत का विश्व में प्रथम स्थान है, जो केरल के तट पर ‘मोनाजाइट रेत’ से प्राप्त किया जाता है।
✪ थोरियम मुख्यतः केरल के तटवर्ती भागो मे मिलता है। इसके अलावा यह नीलगिरी, तमिलनाडू, हजारी बाग (झारखण्ड) उदयपुर तथा पश्चिमी तटो पर रवे के रूप में मिलता है।
बेरेलियम –
✪ यह आग्नेय चट्टानो में बेरिल नामक खनिज से प्राप्त होता है।
✪ इसका सर्वाधिक उपयोग मिश्र धातुओ के निर्माण, वायुयानो के कार्बोटर, साइक्लोट्रोन तथा विस्फोटक बनाने में किया जाता है।
✪ राजस्थान, झारखण्ड, आंध्रप्रदेश तथा तमिलनाडू में यह मुख्यतः प्राप्त किया जाता है।
परमाणु उर्जा :-
➥भारत में परमाणु उर्जा आयोग की स्थापना 1948 में की गई।
➥परमाणु उर्जा विभाग के भारत में पांच अनुसंधान केन्द्र है-
👉 केन्द्र ⟶ स्थान
1. भाभा केन्द्र परमाणु अनुसंधान ⟶ मुम्बई
2. इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केन्द्र ⟶ कलपक्कम (तमिलनाडू)
3. उन्नत तकनीक केन्द्र ⟶ इन्दौर (मध्यप्रदेश)
4. वेरिएबल एनर्जी साइक्लोट्रोन केन्द्र ⟶ कोलकता (प. बंगाल)
5. परमाणु पदार्थ अन्वेषण और अनुसंधान निदेशालय ⟶ हैदराबाद
भारत के प्रमुख परमाणु विद्युत केन्द्र
👉 केन्द्र ⟶ राज्य
1. राजस्थान ⟶ रावतभाटा
2. गुजरात ⟶ काकरापरा
3. महाराष्ट्र ⟶ तारापुर व जैतपुरा
4. कर्नाटक ⟶ कैगा
5. तमिलनाडू ⟶ कुडनकुलम व कलपक्कम
6. उतरप्रदेश ⟶ ननैरा
7. हरियाणा ⟶ फतेहाबाद