जोधपुर
Jodhpur District Area-22,850 km2
Jodhpur District Tahsil Map-

Jodhpur-District-Map
Jodhpur District Tahsil list- total tahsil- 7
Jodhpur District Village list- total village-133
Jodhpur District Population- 36,87,165
Jodhpur District Pin code- 342001

परिचय
मण्डोर को सामरिक दृष्टी से असुरक्षित समझकर 1459 मे राव जोधा ने चिड़ियाटुक पहाड़ी पर मेहरानगढ दुर्ग का निर्माण करवाया व जोधपुर की नीवं रखी।
➥ गुर्जर प्रतिहार वंश के वास्तविक संस्थापक वत्सराज के द्वारा ओंसिया के मंदिरो का निर्माण करवाया गया।
➥ ओसियां माता ओसवाल जैनियों की कुलदेवी है।
➥ बाप नामक स्थान पर देश का पहला कोयला आधारित बिजलीघर है।
➥ राज्य मे सबसे ज्यादा इमारती पत्थरो का उत्पादन यहीं होता है।
स्थान विशेष
- यह देश के प्रसिद्ध दुर्गो मे से एक है जो हमें स्थापत्य कला, संस्कृती व गौरवमय शौर्य का परिचय करवाता है।
- किले की बुर्ज पर स्थापित किलकिला, शंभूबाण, गजमीखान तथा अन्य छोटी-मोटी तोपें वर्तमान में भी अपना इतिहास बखानती है।
- इस किले मे फूलमहल, मोती महल, श्रृंगार चौकी के अलावा चामुण्डा माता का मंदिर दर्शनीय स्थल है।
👊 तीजा माजी का मंदिर- इसे मानसिंह की तीसरी रानी भटियाणी प्रताप कुंवरी द्वारा बनवाया गया।
👊 मूथाजी मंदिर- 1860 में इसे मुकनचन्द ने बनवाया।
👊 खरानना देवी- ये श्रीमाली ब्राह्मण दवे गोधाओ की कुलदेवी है।
👊 सम्बोधि धाम- कायलाना झील के पास बने इस धाम को जैन धर्मावलम्बियो ने बनावाया।
👊 आफरी- मरूक्षेत्र वन अनुसंधान केन्द्र का अंग्रेजी अनुवाद आफरी कहलाता है।
👊 एक थम्बा महल- मण्डोर स्थित प्रहरी मीनार के नाम से प्रसिद्ध तीन मंजिला भवन जिसे महाराजा अजीतसिंह ने बनवाया।
👊 फलोदी- राज्य का सर्वाधिक शुष्क स्थान होने के साथ ही यहां पर देश की पहली सोलर पार्क परियोजना है।
👊 खींचन- कुरंजा प्रवासी पक्षी के लिए प्रसिद्ध स्थल है।
👊 मंडोर-
- यहां पर अलवर नरेश बख्तावर सिंह की छतरी, एक थम्बा महल/हाल ऑफ हीरोज जिसमे एक चट्टान मे 16 मुर्तिया बनाई गई है,
- राष्ट्रीय लॉ यूनीवर्सिटी, रावण मंदोदरी का विवाह स्थल, मारवाड़ नरेशो की पूर्व राजधानी, 33 करोड़ देवी देवताओ की गद्दी, जोधपुर के महाराजाओ की छतरीयां, तानापीर की दरगाह, मण्डोर नागाद्री जलधारा के किनारे स्थित है जैसे अनेक एतिहासिक महत्व के स्थान है।
👊 बोरनाडा- यहां पर राज्य का दुसरा निर्यात संर्वधन पार्क है तथा ग्वार गम व हस्तशिल्प कला का सेज यहां पर स्थापित है।
👊 पाल- प्रथम प्रस्तावित फिल्मसिटी व निजी क्षेत्र का प्रथम इन्लैण्ड कंटेनर डिपो है।
👊 बिलाड़ा- यह स्थान आई माता के मंदिर के कारण जाना जाता है।
👊 खेजड़ली-
- यह वही स्थान है जहां पर खेजड़ी के पेड़ो को बचाने के लिए 21 सितम्बर, 1730 में शहीद अमृतादेवी के नेतृत्व में 363 बिश्नोईयो ने खेजड़ी के पेड़ो से लिपट कर अपने प्राणो की आहुती दे दी।
- भाद्रपद सुदी दशमी को यहां पर विशाल व विश्व का एकमात्र वृक्ष मेला लगता है।
- 730 ई.(वि.स. 1787) में जोधपुर महाराज अभयसिंह की नए दुर्ग निर्माण की लालसा के कारण उनके दीवान गिरधर दास भण्डारी ने गुढा बिश्नोईयान नामक गांव में लगे खेजडी के वृक्षो को काटने का आदेश अपने लकड़हारो को दे दिया
- परन्तु वहां के ग्रामीणो ने इस प्रकार से हरे वक्षो को काटने से मना कर दिया तथा परिणामस्वरूप यह घटनाक्रम घटित हो गया
- जिसके लिए स्वयं महाराज को वहां जाकर माफी मांगनी पड़ी तथा वहां के वनो तथा वन्य जीवो की रक्षा का वचन ताम्रपत्र पर लिखकर देना पड़ा।
👊 चामुण्डा माता का मेला- दशहरे मेले से एक दिन पहले जोधपुर की देवी चामुण्डा माता का मेला आयोजित होता है।
👊 घुड़ला- यह लोक पर्व चैत्र कृष्ण सप्तमी को प्रारम्भ होता है। इसमे विशेष घड़ा जिसमे छिद्र होते है के साथ नृत्य किया जाता है।
👊 बालसमन्द झील- यह झील प्रतिहार शासक बालक राव द्वारा निर्मित है।
👊 गुलाबसागर झील- महाराजा विजयसिंह पासवान गुलाबराय द्वारा निर्मित झील
👊 केरू- यहां पर मारवाड़ अश्व प्रजनन व अनुसंधान केन्द्र है।
👊 अन्य प्रसिद्ध स्थान– उम्मेदभवन पैलेस/छीतरमहल, जसवंत थड़ा, चौखला महल, धीगां गंवर बेंतमार मेला, बीजोलाइ के महल, माचिया सफारी पार्क, कारकस प्लांट, मारवाड़ महोत्सव, ऑटोमोबाइल काम्पलेक्स, कुंज बिहारी मंदिर, ज्वालामुखी मंदिर व रणछोड़ जी का मंदिर
नदी विशेष-
★ जोजड़ी नदी-
- इसका उद्गम नागौर के पोटलु / पाटुदा नामक स्थान से होता है।
- नागौर में बहने के बाद जाधपुर में जसवंत सागर बांध के पास खेजड़ली खुर्द नामक स्थान पर लुणी नदी में मिल जाती है।
- पेरिस की तर्ज पर वाटर फ्रंट पर्यटन स्थल विकसित करने की योजना जोजड़ी के किनारे सालावास के बोरनाड़ा गांव मे प्रस्तावित है।
प्रमुख बांध परियोजनाएं- उम्मेद सागर बांध, गुलाब सागर बांध, जसवंत सागर बांध, तख्त सागर बांध व पिचियाक बांध परियोजना
मुख्य झीले-
★ फलोदी- खारे पानी की झील
★ बालसमंद, कायलाना व जसवंत सागर- मीठे पानी की झील
★ आर.टी.डी.सी. होटल- घुमर
★ वन्य जीव अभ्यारण्य- धावा डोली अभ्यारण्य
★ छतरियां- मामा भान्जा की छतरी, कागा की छतरी
★ हवेलियां- पुष्य व पाल की हवेली
★ मीनारे/मकबरे- गमतागाजी मीनार, गुलाम कलंदर मीनार व गुलाब खां का मकबरा
★ दुर्ग- मेहरानगढ दुर्ग
★ बावड़ी- तापी, अनारा व नैणसी
★ आखेट निषिद्ध क्षेत्र– गुढ़ा बिश्नोईयां/खेजड़ली,डोली, ढेचू, साथिन लोहावट व फीट कासनी
★ मृगवन
- माचिया सफारी मृगवन–1985
- खेजड़ली/ अमृता देवी मृगवन- 1986
★ खेजड़ली में मरू लोमड़ी तथा वृक्ष मेला मुख्य आकर्षण का केन्द्र है।
★ कृषि विशेष
- सर्वाधिक क्षेत्रफल वाली फसले- प्याज
- सर्वाधिक उत्पादन वाली फसले- जीरा व बेर