✪ उपनाम :- बावडीयो का शहर, सिटी ऑफ़ स्टेपवेल्स, द्वितीय काशी, अजात वैभव नगरी, वृंदावती, फरुर्खाबाद व बुन्दू का नाला
✪ केशोरायपाटन को जम्बूअरण्य व रतिदेव पाटन भी कहा जाता है।
परिचय
✪ बुंदी की स्थापना 1242 में राव देवा के द्वारा की गई।
✪ राव देवा ने बुंदू की घाटी में बूंदी की स्थापना की।
✪ पुराणी मान्यता के अनुसार बूंदा मीणा के नाम पर बूंदी शहर का नाम बंदी रखा गया।
✪ सूर्यमल मिश्रण व वंश भास्कर का सम्बंध बूंदी से है।
✪ हाडा देवा ने बूंदा मीणा के पोते जैता मीणा को हराकर चौहान शासक की स्थापना की।
स्थान विशेष
❋ तारागढ़ का किला / राजमहल / गढ़ पैलेस :- यहाँ पर गर्भ गुंजन टोप,फूलमहल, सुखनिवास ,धाबाई जी का कुंड ,नवल खां झील ,रानी जी की बावड़ी ,मोती महल ,शिकार बुर्ज ,म्यूजियम व बाणगंगा चर्चित स्थल है। इसे बादल महल / अनिरुद्ध महल / रतनदौलत दरीखाना आदि नाम से भी जाना जाता है।
❋ बांसी दुगारी :- श्री तेजाजी का पवित्र तीर्थ यहाँ पर है।
❋ हिण्डोली :- हुंडेश्वर महादेव के मंदिर के लिए जाना जाता है।
❋ सथूर :- संतूर माता सिंचाई परियोजना के लिए जाना जाता है।
❋ जैत सागर झील :- जैता मीणा द्वारा निर्मित।
❋ भीनमाल :- मांगली नदी पर स्थित जल प्रपात।
❋ लाखेरी :- राज्य का पहला सीमेंट कारखाना।
❋ केशोरायपाटन :- राज्य में सहकारी क्षेत्र की पहली चीनी मील यहाँ है। तथा केशवराय जी के मंदिर और हजरत शेख अब्दुल अजीज मक्की की दरगाह भी यहीं पर है।
❋ रामगढ विषधारी अभ्यारण्य :- मेज नदी के आस पास रामगढ महल व विषधारी शिवमंदिर होने के कारण ये नामकरण हुआ। रणथम्भौर अभ्यारण्य का यहाँ तक है।
नदियों के किनारे बेस नगर:-
❋ केशोरायपाटन – चम्बल नदी
❋ दबलान – मेज नदी
❋ प्रमुख बांध परियोजनाए :- वरधा , गुढ़ा ,जिगजैक ,जैतसागर ,गरडदा सिचाई परियोजना ,पबैलपुर सिंचाई परियोजना।
❋ झीले :- नवलखां ,कनकसागर / दुग्गारी ,नवलसागर , जैतसागर ,फुलरानी की झील व किशोरसागर झील।
❋ बावड़ी :- रानी बावड़ी व गुलाब बावड़ी।
❋ अभ्यारण्य :- रामगढ विषधारी व कनक सागर अभ्यारण्य।
❋ आखेट निषिद्ध क्षेत्र :– कनकसागर।
कृषि:-
❋ सर्वाधिक क्षेत्र वाली फसल :- हल्दी।
❋ सर्वाधिक उत्पादन वाली फसल :- हल्दी , मसूर व पपीता।
जिला विशेष
❈ यहाँ पर राव राजा उम्मेद सिंह द्वारा निर्मित चित्रकला है।
❈ बूंदी चित्रशैली की पहचान पशु पंक्षियों के चित्र होते है।
❈ बूंदी प्रजामण्डल के संस्थापक पंडित नयनूराम थे।
❈ यहाँ पर प्रसिद्ध कजली तीज का मेला लगता है।
❈राव अनिरूद्ध द्वारा निर्मित 84 खम्भों की छतरी भी प्रमुख आकृषण केंद्र है।