अलवर दुर्ग
(Alwar fort)

Bala-Fort
✔️ अलवर जिले में स्थित इस दुर्ग को बाला दुर्ग के नाम से जाना जाता है।
✔️ इस दुर्ग का निर्माण कोकिल देव के पुत्र अलघुराय द्वारा करवाया गया ।
✔️ अलवर दुर्ग में हैदर अली की तलवार तथा चौथे मुस्लिम खलीफा हजरत अली की तलवार तथा मोहम्मद गौरी का सुरक्षा कवच प्रदर्शनी के रूप में आज भी विद्यमान है ।
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नोट :- विश्व का प्रथम खलीफा अलब्रुक था ।
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अलवर दुर्ग
(Alwar fort)
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Bala-Fort |
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आमेर दुर्ग
(Amer fort)

Amer-Fort

अजयमेरू दुर्ग
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Ajaymeru-Fort |
✔️ यह दुर्ग राज्य के अजमेर जिले में स्थित है । अजयमेरू दुर्ग का निर्माण 1113 में चौहान शासक अजयराज प्रथम द्वारा बिठली पहाड़ी पर करवाया गया । बिठली पहाड़ी पर स्थित होने के कारण इस दुर्ग को गढ़बिठली कहा जाता है ।
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✔️ बिशप हेवर ने अजयमेरू दुर्ग को राजस्थान का जिब्राल्टर कहकर संबोधित किया है । अजयमेरू दुर्ग को तारागढ़ दुर्ग के नाम से भी जाना जाता है । अजयमेरू दुर्ग का तारागढ़ दुर्ग नाम मेवाड़ के शासक रायमल के पुत्र राणा सांगा के भाई कूवर पृथ्वीराज (उड़ना राजकुमार) की पत्नी ताराबाई के नाम पर तारागढ़ पड़ा है ।
✔️ अजयमेरू दुर्ग में 14 बुर्ज स्थित है जिसमें घूघट बुर्ज, गुगड़ी बुर्ज, आरपार बता बुर्ज तथा पीपली बुर्ज प्रमुख है ।
✔️ अजयमेरू दुर्ग में नाना साहब का झालरा तथा इब्राहिम झालरा स्थित है। इस दुर्ग में मीरान साहब की दरगाह स्थित है । राजपूताना संग्रहालय इसी दुर्ग में स्थित है ।
✔️ इस दुर्ग के प्रथम गवर्नर मीरा सैय्यद हुसैन खींगसर थे । इसी दुर्ग में मीरान साहब के घोड़े की प्रसिद्ध मजार स्थित है, जिसे पूरे भारत में घोड़े की एकमात्र मजार माना जाता है ।
✔️ शाहजहां के काल में दुर्गाध्यक्ष विट्ठल दास गौड़ द्वारा अरहट सयंत्र के माध्यम से दुर्ग में पानी पहुचाने का प्रबन्ध किया गया तथा इन्होने अजयमेरू दुर्ग का जीर्णोद्वार करवाया था । इस दुर्ग में जहांगीर द्वारा निर्मित प्रसिद्ध रूठी रानी का महल स्थित है ।
अकबर का किला – मेगजीन दुर्ग
(Akbar Fort – Meggin Fort)

akbar-fort

✔️ यह दुर्ग अजमेर जिले में स्थित है । इस दुर्ग का निर्माण 1572-73 में अकबर द्वारा सुरक्षा आवास की दृष्टि से करवाया गया है ।
✔️ उपनाम – मैग्जीन दुर्ग, अकबर का शस्त्रागार, अकबर का दौलतखाना, अजमेर म्यूजियम ।
✔️ हल्दीघाटी के युद्ध की रूपरेखा इसी दुर्ग में बनाई गई थी । जहांगीर इस दुर्ग के झरोखे में बैठकर न्याय किया करता था ।
✔️ जैम्स प्रथम के राजदूत सर टामस रो की प्रथम मूलाकात जहांगीर से इसी दुर्ग में हुई थी ।
✔️ इसी दुर्ग में शाहजहां के पुत्र शुजा का जन्म हुआ ।
✔️ माना जाता है कि अकबर के पुत्र दनीयाल का जन्म भी इसी दुर्ग में हुआ।
दौसा दुर्ग
(Dosa / Dausa Fort)
✔️ सुप आकार (छाजला) में देवगिरी पहाड़ियों पर स्थित दौसा के किले का निर्माण बड़गुजरों (गुर्जर-प्रतिहार) द्वारा करवाया गया ।
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✔️ दौसा का महत्व इसलिये है कि यह कच्छवाहा वंश की प्रथम राजधानी रहा, इसके पश्चात् आमेर को कच्छवाहा शासकों ने अपनी राजधानी बनाया जो कि जयपुर के निर्माण तक अर्थात 1727 तक कच्छवाहा वंश की
राजधानी रही।
✔️ दूसरे शंकराचार्य के नाम से विख्यात संत सुन्दर दास का जन्म भी यही हुआ ।
✔️ सुरजमल का स्मारक भी इसी दुर्ग में स्थित है ।
✔️ इस दुर्ग में प्रसिद्ध राजाजी का कुआ, बेजनाथ मन्दिर तथा नीलकंठ महादेव मन्दिर भी स्थित है ।
✔️ अकबर तथा कच्छवाहा शासकों के मध्य मित्रता का अध्याय भी यही से प्रारम्भ होता है ।