अजमेर
➥ उपनाम – राजस्थान का मक्का , राजस्थान का नाका. राजस्थान का हृदय , राजस्थान की अण्डे की टोकरी व साम्प्रदायिक स्रोहार्द का शहर।
➥ अन्य स्थानो के उपनाम –
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- पुष्कर – तीर्थों का मामा, तीर्थराज, पंचम तीर्थ /पांचवा तीर्थ, आदितीर्थ व गुलाबो की नगरी।
- अजयमेरू दुर्ग – पूर्व का जिब्राल्टर।
परिचय
➥ अजमेर की स्थापना 1113 में अजयराज चौहान के द्वारा की गई।
➥ अजयराज ने अजमेर को चौहानो की राजधानी बनाया इससे पूर्व उनकी राजधानी सांभर थी।
➥ अजमेर में ही सर्वप्रथम 10 जनवरी 1616 को ब्रिटिश सम्राट जेम्स प्रथम के राजदूत सर टॉमस रॉ ने जहांगीर से भेंट की थी।
➥ 1883 में आर्य समाज के संस्थापक दयानंद सरस्वती का देहान्त अजमेर में हुआ था।
➥ 1883 में ही गोविन्द गिरी ने सिरोही मे सम्प सभा की स्थापना की थी।
➥ शाहजहां के सबसे बडे पुत्र दाराशिकोह का जन्म अजमेर में हुआ था।
➥ 1192 मे फारस ,इरान से ख्वाजा मोइनुदीन चिश्ती मौहम्मद गौरी के साथ पृथ्वीराज चौहान के काल मे यहाँ आए तथा अजमेर को अपनी कर्मस्थली बनाया।
➥ उन्हे चिश्ती सिलसिले का संस्थापक माना जाता है।
➥ अजमेर में इनकी दरगाह भी है जहाँ प्रत्येक वर्ष रज्जब माह की 1 से 6 तारीख तक उर्स/मेला लगता है।
➥ रज्जब का महिना मुस्लिम महिनो में 7वां जबकी मोहर्रम का पहला ब जिलहिज का अन्तिम महिना होता है।
➥ राजस्थान में सहकारिता की शुरूआत 1904 से अजमेर में हुई।
➥ अजमेर का प्रसिध्द नृत्य मयूर है।
➥ अजमेर में ब्यावर की स्थापना 1836 में कर्नल डिक्सन के द्वारा की गई।
➥ ब्यावर बादशाह मेले के लिए प्रसिद्ध है।
➥ राजस्थान की प्रसिद्ध सुती बस्त्र मील द कृष्णा मील की स्थापना 1889 मे ब्यावर के सेठ दामोदर दास राठी व श्यामजी कृष्ण वर्मा के द्वारा की गई।
➥ पुष्कर में राजस्थान की सबसे प्राचीन व पवित्र झील है।
➥ मेरवाडा प्रदेश का सबसे बडा मेला पुष्कर मे कार्तिक मास की पूर्णिमा को भरता है।
➥ पुष्कर झील अर्दचन्द्रार रूप मे फैली हुई है जिसके लिए जल की व्यवस्था सरस्वती नाले से की जाती है।
➥ पुष्कर को कोंकण तीर्थ भी कहते है।
➥ यह उतर भारत का सर्वप्रथम पुर्ण साक्षर जिला है।
➥ मसुदा गांव को पहले साक्षर गांव के रूप में जाना जाता है।
➥ यहाँ के रामसर मे प्रथम बकरी प्रजनन व अनुसंधान केन्द्र है।
➥ यहाँ के दौराई नामक स्थान पर औरगंजेब ने उत्तराधिकार का युद्ध जीता था।
➥ स्वतंत्रता प्राप्ति तक अग्रेजी शासन मे यह C श्रेणी का राज्य था।
➥ नन्ही जान के द्वारा विष देने के कारण दयानन्द सरस्वती की मृत्यु यहीँ पर हुई थी।
➥ 1 नवंबर 1956 को अजमेर को राजस्थान मे मिला लिया गया व इसी के साथ राजस्थान का एकीकरण पुरा हुआ।
➥ अजमेर राज्य का 26वां जिला है।
➥ बकरी विकास एवं चारा उत्पादन केन्द्र यंहा पर रामसर में है।
➥ डीडवाना व पंचपद्रा मे राज्य सरकार की देखरेख मे नमक तैयार किया जाता है।
➥ हिन्दुस्तान मशीन टुल्स को चैकोस्लाबिया के सहयोग से स्थापित किया गया है।
➥ लोको व कैरिज कारखाना अजमेर में है।
➥ अजमेर तारागढ की तलहटी में बसा है।
➥ राज्य की पहली आंवला नर्सरी अजमेर में है।
स्थान विशेष
➥ सलेमाबाद- यह निम्बार्क समुदाय का प्रमुख केन्द्र है।
➥ चश्मा ए नूर – जंहागीर ने इस तालाब का निर्माण करवाया व इसका नामकरण अपने नाम नुरूद्दीन जंहागीर के नाम पर चश्मा ए नूर किया।
➥ पुष्कर – यंहा पर ब्रह्मा मंदिर जिसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया है, अर्णाराज द्वारा निर्मित वराह मंदिर, रमा बैकुण्ड मंदिर, सरस्वती मंदिर, मान महल दर्शनीय स्थान है।
➥ यहां पर कार्तिक शुक्ल 8 से पुर्णिमा तक पुष्कर पशु मेले का भी आयोजन होता है।
➥ पुष्कर को फूलो की आधुनिक मण्डी के रूप मे विकसित किया गया है।
➥ यहां पर प्रसिद्ध रंगनाथ जी का मंदिर है जिसका सम्बंध रामानुज सम्प्रदाय से है।
➥ पीपासन – एशियाई विकास बैंक की सहायता से 600 मेगावाट का पावर ग्रीड स्टेशन यहां स्थापित है।
➥ चश्मा ए नूर – जंहागीर ने इस तालाब का निर्माण करवाया व इसका नामकरण अपने नाम नुरूद्दीन जंहागीर के नाम पर चश्मा ए नूर किया।
➥ पुष्कर – यंहा पर ब्रह्मा मंदिर जिसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया है, अर्णाराज द्वारा निर्मित वराह मंदिर, रमा बैकुण्ड मंदिर, सरस्वती मंदिर, मान महल दर्शनीय स्थान है।
➥ यहां पर कार्तिक शुक्ल 8 से पुर्णिमा तक पुष्कर पशु मेले का भी आयोजन होता है।
➥ पुष्कर को फूलो की आधुनिक मण्डी के रूप मे विकसित किया गया है।
➥ यहां पर प्रसिद्ध रंगनाथ जी का मंदिर है जिसका सम्बंध रामानुज सम्प्रदाय से है।
➥ पीपासन – एशियाई विकास बैंक की सहायता से 600 मेगावाट का पावर ग्रीड स्टेशन यहां स्थापित है।
➥ हटुण्डी – यह हरविलास शारदा की कर्मभुमि है ।
➥ मांगलियावास – यंहा पर हरियाली अमावस्या के दिन कल्पवृक्ष मेले का आयोजन होता है ।
➥ ब्यावर – यह शहर कर्नल डिक्सन के द्वारा बसाया गया है। यहां का बादशाह मेला अपनी विशेष पहचान रखता है।
➥ उतरी भारत की सबसे बडी सीमेंट उत्पादक कम्पनी श्री सीमेंट का कारखाना यंहा पर है। दी कृष्णा मील लिमिटेड नामक सुती वस्त्र मील यहां पर है।
➥ तबीजी – यहां पर केंद्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र है।
➥ भिनाय – राज्य की पहली सहकारिता समिति 1905 में यहां स्थापित की गई।
➥ सरवाड़ – यंहा पर ख्वाजा फरखुद्दीन की दरगाह है ।
➥ नसीराबाद – यह स्थान 1857 की क्रांति का आरम्भिक स्थल है।
➥ तिलोनिया – यंहा पर सामाजिक कार्य शोध केन्द्र है। यह मैग्नेसे पुरूस्कार बिजेता अरूणा रॉय की कर्मस्थली है। यंहा पर श्री बंकररॉय द्वारा स्थापित बैयर फुट संस्थान है।
➥ किशनगढ़ – किशनगढ की चित्रशैली बणी ठणी विश्व प्रसिद्ध है तथा इसके चित्रकार के रूप में निहालचन्द को विशेष पहचान प्राप्त है।
➥ राज्य मे संगमरमर की सबसे ज्यादा प्रोसेसिंग इकाईयां किशनगढ में है। यंहा पर संगमरमर मण्डी है। नौ ग्रहो का मंदिर है।
➥ निम्बार्क पद्धती से बना काचरिया मंदिर है जहां पर राधा कृष्ण स्वरूप का पुजन किया जाता है ।
➥ दादाबाडी – श्वेताम्बर सम्प्रदाय के जैन संत जिन वल्लभ सुरी के शिष्य जिनदत सुरी की स्मृति मे समाधिस्थल को दादाबाडी के नाम से जाना जाता है।
➥ बादशाह मेला – होली के दुसरे दिन बादशाह का की सवारी अग्रवाल समाज व बादशाह मेला समिति के द्वारा निकाली जाती है।
➥ नसिंयाजी – यह एक जैन मंदिर है जिसका निर्माण श्री मुलचन्द जी सोनी ने करवाया। यह प्रथम जैन तीर्थंकर आदिनाथ का है ।
➥ पांच तीर्थ – हिन्दु धर्म संस्कृती मे कुरूक्षेत्र, गंगा, गया, प्रयाग व पुष्कर को पवित्र पांच तीर्थ माना गया है ।
➥ अढाई दिन का झोपड़ा – इसे मुलत: प्रथम चौहान सम्राट बीसलदेव ने 1153 मे संस्कृत पाठशाला के लिए बनवाया था।
➥ कुतुबुद्दीन एबक ने इसे मस्जिद का रूप दिया।
➥ मुसलमान फकीर पंजाबशाह का अढाई दिन का उर्स यहां लगने के कारण यह स्थान अढाई दिन का झोपडा कहलाता है।
➥ पद्मा डेयरी – यह राज्य की सबसे पुरानी डेयरी हैं।
➥ हाथी भाटा – जंहागीर द्वारा बनाबाइ गई पर्सियन पद्धती की एक हाथी की मूर्ति।
➥ हाथी भाटा – जंहागीर द्वारा बनाबाइ गई पर्सियन पद्धती की एक हाथी की मूर्ति।
➥ अन्य प्रमुख स्यान – अब्दुल खां का मकबरा, पृथ्वीराज स्मारक, मैग्नीज दुर्ग, अकबर का दौलतखाना, हजरत मीरा साहब की दरगाह में घोडे की दरगाह, डिग्गी तालाब, जहांगीर के महल, आनासागर झील आदि।
नदी विशेष
➥ लूणी नदी – इसका उदगम आनासागर झील व नागपहाडी से होता है।
➥ उदगम स्थान पर इसे साबरमती के नाम से जाना जाता है।
➥ नागपहाडी से गोविन्दगढ तक इसे साकी नदी के नाम से जाना जाता है।
➥ बालोतरा तक इसका जल मीठा है तथा बाद मे यह खारा हो जाता है इसलिए इसे मीठी-खारी नदी कहते है।
➥ इसे पश्चिम राजस्थान व मारबाड़ की गंगा के नाम से जाना जाता है।
➥ जब पुष्कर मे अधिक बरसात होती है तो इसका प्रकोप बालोतरा मे भी देखा जाता है।
➥ सहोदरा नदी – इसका उदगम अजमेर के अराय गांव से होता है व टोंक में दुदिया गांव में माशी के साथ जलधारा मे मिल जाती है।
➥ डाई नदी- इसका उदगम किशनगढ व नसीराबाद की पहाडीयो से होता है व टोंक में राजमहल गांव के पास बीसलपुर नामक स्थान पर बनास में मिल जाती हैं।
➥ प्रमुख बांध परियोजनाएं- फुलसागर बांध, शिवसागर बांध, लसाडीया बांध व मुण्डोती बांध।
मुख्य झीलें
➥ खारे पानी की झीलें – डीडवाना, डेगाना एंव कुचामन झील
➥ मीठे पानी की झीलें – पुष्कर, बीसलसर, जैनसागर, फॉयसागर एंव आनासागर झील
➜ आर. टी. डी. सी. होटल – खादिम, खिदमत व सरोवर
➜ महोत्सव – पुष्कर महोत्सव नवंबर माह में
➜ वन्य जीव अभ्यारण्य – रावली टाडगढ़ वन्य जीव अभ्यारण्य
➜ आखेट निषिद्ध क्षेत्र – तिलोरा, सोखलिया व गंगवाना
कृषि विशेष
➤ सर्वाधिक क्षेत्रफल वाली फसले – ज्वार
➤ सर्वाधिक उत्पादन वाली फसले – ज्वार व आंवला
➤ फुल मण्डी यहां पर है ।
खनिज
- टंगस्टन – सेवरीया, पीपलिया व बीजाथल में
- लीथियम – राजगढ की खानो में
- संगमरमर व तामड़ा – सरवाड
- पन्ना – राजगढ़ क्षेत्र में
- काला ग्रेनाइट – शमालिया गांव
- र्फल्सपार – मकरेश
ऊर्जा
⏩ राज्य का पहला सोर उर्जा रेलवे स्टेशन मौरमघाट है।
⏩ विलायती बबुल से बिजली बनाने का संयंत्र नोला बास में है।
⏩ अजमेर के सभी गांव बायोमास उर्जा से विद्युतीकृत किए गए है।
⏩ भूतापीय उर्जा के संभावित क्षेत्र पुष्कर है। इसका दुसरा अन्य क्षेत्र माउंट आबुसिरोहीँ है।
⏩ अजमेर विद्युत वितरण निगम लि. मे 11 जिले शामिल है।
प्रमुख सभ्यताएं